
आओ हम सब दीप जलाएँ
दीपों की इक लड़ी
बनाएँघर के अँधियारे के संग-
संगमन का भी अन्धकार
हम सब दीप जलाएँ
प्रेम प्यार से घर-घर जाएँ
दुखियों को भी गले लगाएँ
उनको भी खुशियाँ दे आएँ
आँखों में सपने दे आएँ
आओ हम सब दीप जलाएँ
इस जग में है बहुत -अँधेरा
क्रोध-वैर ने सबको घेरा
करते हैं सब तेरा-मेरा
एक दीप उनको दे आएँ
तेरा-मेरा भाव भुलाएँ
आओ हम सब दीप जलाएँ
दीप उनको दे आएँ तेरा-मेरा भाव भुलाएँआओ हम सब दीप जलाएँ