
आओ हम सब दीप जलाएँ
दीपों की इक लड़ी
बनाएँघर के अँधियारे के संग-
संगमन का भी अन्धकार
हम सब दीप जलाएँ
प्रेम प्यार से घर-घर जाएँ
दुखियों को भी गले लगाएँ
उनको भी खुशियाँ दे आएँ
आँखों में सपने दे आएँ
आओ हम सब दीप जलाएँ
इस जग में है बहुत -अँधेरा
क्रोध-वैर ने सबको घेरा
करते हैं सब तेरा-मेरा
एक दीप उनको दे आएँ
तेरा-मेरा भाव भुलाएँ
आओ हम सब दीप जलाएँ
दीप उनको दे आएँ तेरा-मेरा भाव भुलाएँआओ हम सब दीप जलाएँ
17 comments:
इस जग में है बहुत -अँधेरा
क्रोध-वैर ने सबको घेरा
करते हैं सब तेरा-मेरा
एक दीप उनको दे आएँ
तेरा-मेरा भाव भुलाएँ
आओ हम सब दीप जलाएँ
शोभा जी बहुत ही सुंदर विचार, एक अति सुंदर कविता.्काश हम सब ऎसा ही करते.
धन्यवाद
खूबसूरत रचना
दीपावली की हार्दिक शुबकामनाएं
बहुत बढियां -दीपावली की शुभकामनाएं !
दीपावली की सुंदर शुभ कामनायों को समेटे सुंदर रचना
आपका गीत आवाज़ पर आज सुना बहुत सुंदर
सुखमय अरु समृद्ध हो जीवन स्वर्णिम प्रकाश से भरा रहे
दीपावली का पर्व है पावन अविरल सुख सरिता सदा बहे
दीपावली की अनंत बधाइयां
प्रदीप मानोरिया
जो तेरा मेरा करते हैं उनको एक दीप आयें बहुत अच्छी बात लिखी है =वाकई अव् अन्धकार मिटना ही चाहिए प्रयास करे / ""तम बहुत गहरा हुआ जारहा है ,अब मुझे दीपक जलना ही पड़ेगा /मेडम ये प्रयास आपको ही करना है -लोगो के पास दिए भी है मगर जलाते नहीं या जलाना नहीं आता =दुश्यन्त्जी ने कहा था ""एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ दोस्तों ,इस दियेमें तेल से भीगी हुई बाती तो है
हिन्दी - इन्टरनेट
की तरफ से आपको सपरिवार दीपावली व नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
आपको दीपावली की हार्दिक शुभकमानांयें
सुंदर प्रस्तुति!!आभार
दीप मल्लिका दीपावली - आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
आओ हम सब दीप जलाएं, घर घर में खुशहाली लाएं। आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
Thanks for your posting!
I love your creations!!! Really beautiful work! Congratulations!!!
Have a nice day.
शुभकामना का एक दीप मेरी
तरफ़ से स्वीकार कीजिए.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
छटपूजा की शुभकामनाएं
नववर्ष की अग्रिम स्वीकारें
दीवाली पर पता नहीं कैसे भूल गया आपको
उदारता से क्षमा करें
और पूरा एक टोकरा संभालें शुभकामनाऒं का
बहुत देर में आपाया सो क्षमाप्रार्थी हूँ !
"...एक दीप उसको दायें ! "
शोभाजी बहुत प्यारी रचना है आपकी, आनंद आगया !
bahut bahut hi sundar kavita aour bhav.
दीवाली तो हो ली..... अब कुछ नये के साथ आएं... स्वागत है...
bahut din bad aapako padha . ..
..........fir se sukhanwar rachna....
aayo hum sab deep jalye,antar man ke andhkaar ko door bhagaye ..aayo hum sab mil kar deep jalaye....
bhut achha likha hai aap ne.
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